श्रीमद भगवदगीता के आठवें अध्याय में 13वें श्लोक में कहा गया है कि जिस “ऊँ” शब्द का उच्चारण सभी करते हैं, वह ब्रह्मा जी का है और इस शब्द के निरंतर उच्चारण से व्यक्ति को जीवन में ब्रह्म लोक में स्थान मिलता है।

#भगवदगीता_के_गूढ़_रहस्य

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ज्योतिष की सहायता से रोग के आने से पहले उसका समाधान किया जा सकता है।

जन्म कुंडली में इस बात का संकेत साफ साफ दिया जाता है कि आपको कब और किस रोग से ग्रसित होंगे। लेकिन एक योग्य ज्योतिषी ही आपकी कुंडली के पूर्ण आकलन से जन्म कुंडली (Timing of disease in birth chart) से रोग के समय का पता लगा सकता है।